जीवन में , हर दिन
बनती है एक नयी कहानी.
कभी बहता आंखों से पानी,
कभी मिलते लोग पहचाने,
कभी छिपाते पहचान पुरानी ,
कभी कोई देता दिलासा ,
कभी कोई करता बेईमानी,
हर दिन नये तमाशे होते ,
कोई बन जाता राजा, कोई रानी ,
किसी को मिलता मनचाहा वरदान ,
कोई छुपाता गम की निशानी , ,
कोई अपने नसीब को कोसता,
कोई मानता ईश्वर की मेहरबानी,
जीवन में , हर दिन,
बनती है एक नयी कहानी.
कभी मिलती खुशी हमें,
जवाब देंहटाएंकभी बहता आंखों से पानी,
कभी मिलते लोग पहचाने,
कभी छिपाते पहचान पुरानी ,
कभी कोई देता दिलासा ,
कभी कोई करता बेईमानी,
Bahut hee badhiya panktiyan!
हर दिन एक नई कहानी लेकर आता है। जीवन के उतार चढ़ाव को बहुत ही ख़ूबी के साथ आपने दर्शाया है।
जवाब देंहटाएंईद मुबारक़।
मनोज सर और कुशुमेश सर को भी ईद मुबारक.
जवाब देंहटाएंशमीम जी , आपको ईद की तहेदिल से मुबारके / आपकी कविता बेहद सम्वेदनशील है /
जवाब देंहटाएंशमीम जी मेरी मान्यता है कि जीवन में हर पल ही एक कहानी न चाहते हुए भी बन जाती है । इसमें न कहानी का दोष है न जीवन का । बहुत ही संजीदगी से पेश की गयी आपकी यह रचना अंतर्मन को आंदोलित कर गयी । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंShameem Sahab aap ki ye nazm/kavita pasand aayi.
जवाब देंहटाएंBahut dinonse aapne kuchh likha nahee hai!
जवाब देंहटाएंBahut dinonse aapne kuchh likha nahee hai!
जवाब देंहटाएंBade dinon se aapne kuchh likha nahee hai!
जवाब देंहटाएंशमीम जी, एक चीज याद रखिएगा कि हमारा मन किसी से उधार नही लिया गया है या किसी अपरिचित दान में मिली वस्तु नही है। जब संवेदनशीलता के आयाम अपना क्षितिज विस्तृत करने के लिए आकुल हो उठते हैं तो मन में गुंफित भावों का प्रस्फुटन होना बहुत ही स्वभाविक है। आपकी नयी कहानी इन मृदु भावों का प्रतिफलन है।कामना रहेगी कि आप अहर्निश सृजनरत रहें,आप पर मेरा स्नेह सदैव रहेगा।
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