रविवार, 16 मई 2010

अल्लाह जाने क्या होगा आगे.....



मुझे क्रिकेट से बडा लगाव है , वह भी बचपन से. जब भी भारत का कोई वन - डे इंटरनेशनल मैच होता , मैं बहाना बनाकर स्कूल नहीं जाता था. दिन भर १०० ओवर का मैच देखता था.भारत जीते या हारे बस आनंद आता था. कपिल देव, वेंग्सर्कर, अज़हर,सचिन को देखकर मन हर्षित हो उठता था.

आज भी क्रिकेट में मेरी दिलचस्पी है. वन – डे मैच तो कम हो गये,२०-२० का जमाना आ गया. वैसे भी लोगों के पास समय ही कहां है. उसे देखते हुए क्रिकेट के रूप को भी छोटा किया गया. इसमें चार और छ: रनों की बरसात होती है. बल्ले फ़टाफ़ट चलते है.पुराने खिलाडियों का स्थान नये खिलाडियों ने ले लिया है. आज युवराज , क्रिकेट धोनी ,युसुफ़, सहवाग हमारे फ़ेवरेट है. जब ये शाट लगाते हैं तो मन झुम उठता है.

लेकिन चल रहे २०-२० विश्व कप क्रिकेट से हमारी टीम की विदाई की खबर सुनकर दुख हुआ. एक-दों दिन समाचार पत्र और न्यूज चैनलों में हार के कारणों का गंभीरता से विश्लेशण किया गया. मैच प्रैक्टिस की बजाय सी-बीच पर खेलते दिखाया गया.बताया गया कि ऐसा किसी भी मैच में नहीं लगा कि हमारी टीम दूसरी टीम के ऊपर हावी हो सकी हो.

अब मन नहीं कर रहा कि कम से कम ३-४ घंटे भी बिस्तर पर बैठकर चिप्स खाते-खाते क्रिकेट मैच देखूं.विकल्प के रूप में फ़ुटबाल है. विश्व कप स्पर्धा शुरु होने वाली है. वैसे भी wwf देखने का शौकिन हूं.उसमें भी खली साहब के कभी कभी दर्शन होते हैं.कल ही एक पोस्टर - एड देखा , द ग्रेट खली साहब राजपाल यादव के साथ खुश्ती लडने के मुड में नज़र आ रहे थे.

अल्लाह जाने क्या होगा आगे.......................