स्टेशन पर सुबह से ही भीड़ लगी थी । चारों ओर चहल-पहल थी । स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा था । छोटी पार्टी के कार्यकर्ता तथा क्लबवाले आयोजन में व्यस्त थे । चन्दु काका अपनी छोटी सी दुकान पर पुरियां छानने में व्यस्त थे । उसी स्टेशन के किनारे झोपडी में रहने वाला बाबू भिखारी का लडका चुन्नू रोज की तरह डस्टबीन से पत्ते निकालकर उसमें बची सब्जी निकालने में व्यस्त था । राहगीर जो नियमित रूप से चन्दु काका की दुकान की बनी पुरियां खाते थे , आज भी मजे के साथ पुरियां खा रहे थे ।
माईक से हैलो टेस्टिंग.. वन..टू..थ्री......की आवाजें आनी शुरू हो गई थी । तभी कुछ लोग हाथ में झंड़ा लिए स्टेशन परिसर में आए औऱ वहां चल रहे आयोजन को बंद कराने लगे । किसी ने बीच से एक-दो पत्थर फेंका । फिर क्या था, भगदड़ मच गई । स्त्री-पुरूष सभी भागने लगे । पत्थर की वर्षा होने लगी । चन्दु काका दुकान छोड़ भागे । चुन्नू भी कुछ पत्ते समेटकर अपने घर भागा ।
माईक से हैलो टेस्टिंग.. वन..टू..थ्री......की आवाजें आनी शुरू हो गई थी । तभी कुछ लोग हाथ में झंड़ा लिए स्टेशन परिसर में आए औऱ वहां चल रहे आयोजन को बंद कराने लगे । किसी ने बीच से एक-दो पत्थर फेंका । फिर क्या था, भगदड़ मच गई । स्त्री-पुरूष सभी भागने लगे । पत्थर की वर्षा होने लगी । चन्दु काका दुकान छोड़ भागे । चुन्नू भी कुछ पत्ते समेटकर अपने घर भागा ।
करीब एक घंटे बाद चुन्नू घर से निकला । देखकर खुश हुआ कि माहौल शांत और खुशनुमा हो चुका है । माईक के सामने खड़े सफेद कुर्ता-पायजामा पहने साहब भाषण दे रहे हैं । भाषण के बाद लड्डू बांटा जाना था , इसलिए भीड़ इकठ्ठी हो चुकी थी । चन्दु काका का दुकान टूट चुका था । पुरियां और सब्जी बिखरी पड़ी थी , चूल्हा अब चूल्हा नहीं रहा । चुन्नू ने लड्डू लिया और माईक से आती आवाज – ‘ अपनी आज़ादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं.......... ’ गुनगुनाता हुआ घर की ओर चल दिया ।
आंधी की आशंका, पत्थर का डर है
जवाब देंहटाएंबालू की नींव और शीशे का घर है
उपवन को थोड़ी बारीकी से देखो तो
हरियाली के भीतर बैठा पतझर है ।
बहुत अच्छी लघुकथा। बधाई। ऐसे ही नियमित पोस्ट करते रहें।
धन्यवाद सर । प्रोत्साहित करने के लिए आपका आभार ।
जवाब देंहटाएंसार्थक लघु कथा , आभार
जवाब देंहटाएंएक अच्छी लघु कथा प्रस्तुत करने के लिए आपको बधाई ।
जवाब देंहटाएंलघुकथा वास्तविकता से अवगत कराती है। लिखने हेतु बधाई ।
जवाब देंहटाएंवाकई आज के परिवेश को दर्शाती यह लघुकथा सुंदर बन पडी है।
जवाब देंहटाएंNice story
जवाब देंहटाएंलघुकथा अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंachchee aur sachchee laghu katha.
जवाब देंहटाएंबहुत सही चित्रण.
जवाब देंहटाएंAap sabhi ka dhanyawaad aur aabhar.
जवाब देंहटाएंachchee aur sachchee laghu katha.
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