रिमझिम बूँदें ,
याद दिलाती हैं बचपन,
छत से टपकता पानी,
जल भरा आँगन,
गली में भीगते लड़के,
नाले में डूबती-चलती,
कागज की नाव ।
रिमझिम बूँदें,
याद दिलाती हैं डालियाँ,
पेड़ों की हिलती पत्तियाँ,
मां के आँचल में छिपे,
चिड़ियों के छोटे-छोटे बच्चे ,
तालाब में भटकते सर्प,
ईश्वर को पुकारते मेंढक ।
रिमझिम बूँदें,
छत से टपकता पानी,
जल भरा आँगन,
गली में भीगते लड़के,
नाले में डूबती-चलती,
कागज की नाव ।
रिमझिम बूँदें,
याद दिलाती हैं डालियाँ,
पेड़ों की हिलती पत्तियाँ,
मां के आँचल में छिपे,
चिड़ियों के छोटे-छोटे बच्चे ,
तालाब में भटकते सर्प,
ईश्वर को पुकारते मेंढक ।
रिमझिम बूँदें,
याद दिलाती हैं बंधन,
अतीत के धागों में उलझा, एक सुखद झण,
काली स्याही-सी अंधेरी रात,
एक लंबा इंतजार,
एक भीगी नम सुबह, जिसके पहले
रात भर भीगता रहा मेरा मन ।
अतीत के धागों में उलझा, एक सुखद झण,
काली स्याही-सी अंधेरी रात,
एक लंबा इंतजार,
एक भीगी नम सुबह, जिसके पहले
रात भर भीगता रहा मेरा मन ।
ब्ल़ॉग जगत में स्वागत है। ऐसे ही लिखते रहें।
जवाब देंहटाएंBahut hi sunder kavita likhi hai.Badhi ho aapko.
जवाब देंहटाएंशानदार , बारिश की बूंदे बहुत कुछ याद दिलाती हैं
जवाब देंहटाएंकृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये!!.
आपकी रचना में मुझे अपना बचपन याद आ गया. ब्लॉग जगत में स्वागत है.
जवाब देंहटाएंAapki is rachnane bachpan kaa gaanv yaad dila diya..apni kavita bhi yaad aa gayi: "Wo ghar bulata hai"!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंसुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं. आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना है...
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना है
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना है..
जवाब देंहटाएंRaatbhar bheegta man...bahut sundar!
जवाब देंहटाएंSwagat hai aapka!
kavita sundar aur saral shbdon mein safal abhivyakti hai.
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