समाचार पत्र में एड आया था- एक नई फिल्म के लिए चार कलाकारों की तलाश।” आडिशन मुंबई में था । राकेश , संजीव , सुजेन और सलमा अपने - अपने घर में एक मैसेज छोडकर निकल पड़े । चारों जानते थे कि अगर वे अपने माता पिता को इस बारे में बताएंगे तो वे उन्हें मुंबई जाने और फिल्मों में काम करने की अनुमति नहीं देंगे ।
राकेश , संजीव , सुजेन और सलमा चारों अच्छे दोस्त थे । एक ही कॉलेज से पढ़ाई की थी चारों ने । चारों ही मझे हुए कलाकार थे । नेशनल ड्रामा कंपिटिशन के दौरान इनमें दोस्ती के बीज पनपे थे । राकेश सुजेन को और संजीव सलमा को अपना लाइफ पार्टनर मान चुके थे लेकिन निर्णय लिया था कि अपने को प्रमाणित करने के बाद ही शादी करेंगे।
चारों मुंबई पहुंचे, आडिशन हुआ । चारों ही उस फिल्म के लिए चुन लिए गए । फिल्म “आसमान के तारे ” रिलीज हुई , । एक हफ्ते तक चारों समाचार पत्र के पेज 3 में छाए रहे । मगर फिल्म पिट गई । लो बजट की फिल्म करोडों में बन नही फिल्मों के आगे टिक न सकी ।
कुछ पैसा चारों कलाकारों के हाथ आ गया था । मुंबई के पास एक फ्लैट खरीदकर चारों उसी में रहने लगे । घरवालों ने उन्हें घर में प्रवेश नहीं करने दिया । मुहल्ले वालों ने भी साथ नहीं दिया । फिल्म पिटने के बाद मीडियावालों ने उनसे मुंह मोड़ लिया । इसी तरह कुछ माह बीत गए ।
एक शाम, नेशनल फिल्म अवार्ड की घोषणा हुई । फिल्म “आसमान के तारे ” को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित किया गया । फिर क्या था । मीडियावाले - पत्रकार , रिपोर्टर , परिवार के सदस्य , नये फैन सभी उन चारों को ढूंढते हुए उनके आवास पर पहुंचे । घर अंदर से बंद था । दरवान ने उन्हें पिछले तीन दिनों से घर से निकलते नहीं देखा था । बाहर , आसमान में चार तारे टिमटिमाते हुए नजर आ रहे थे ।
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जीत ही उनको मिली जो हार से जमकर लड़े हैं,
जवाब देंहटाएंहार के भय से डिगे जो, वे घराशायी पड़े हैं।
संवेदनशील रचना। बधाई।
एक अच्छी लघुकथा। बधाई।
जवाब देंहटाएंशमीम जी आप अच्छा लिख रहे हैं,लगे रहें।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंएक प्रेरक कथा, बधाई!
जवाब देंहटाएंhttp://som-ras.blogspot.com
bahut hi dukahant raha is laghukatha ka ant,jis tarah justice delayed is justice denied :(
जवाब देंहटाएंaapki katha acchi lagi.
जवाब देंहटाएंOho...aisa ant ho gaya?
जवाब देंहटाएंbahut hi achchhi katha ,aesa bhi ho jata hai .
जवाब देंहटाएंprerak katha...lekin bahut dhukh bhara aant...
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शमीम जी आप अच्छा लिख रहे हैं,लगे रहें।
जवाब देंहटाएंअरे वाह!! बढिया है.
जवाब देंहटाएंGantantr diwas mubarak ho!
जवाब देंहटाएंbahut jaldi haar maan gaye
जवाब देंहटाएंzindgi ik haar par to khatam nahi hoti
aapki kahani ke patra ko padhna achcha laga